Sunday, October 20, 2013

सचिन तुम्हारे नाम

सूरज बिन जैसे दिवस, चाँद बिना ज्यों रात,
सचिन बिना यूं ही क्रिकेट, भीगे से जज़्बात।
...
कैसे अभिनन्दन करें , कैसे दें सम्मान,
माना जिसको विश्व ने क्रिकेट का भगवान।

कीर्तिमान सारे लिखे सचिन तुम्हारे नाम,
पूरी दुनिया कर रही तुमको आज सलाम।

बना दिया तुमने हमें दुनिया का सिरमौर,
काश, हमारे देश को सचिन मिलें कुछ और।

शायद सच मानें नहीं अपनी ही सन्तान,
हमने देखा खेलते क्रिकेट का भगवान।

लालू जी को जेल

राज कहो क़ानून का या किस्मत का खेल,
चारा खाने के लिए लालू जी को जेल।

चारा-चारा कर रहे घर-बाहर सब लोग,
लालू बे-चारा हुए सब करनी का भोग।
...
कहती होंगी राबड़ी 'लालू तुम बेजोड़,
चारा ही खाते रहे घर में रबड़ी छोड़'।

'देख रहे क़ानून के कितने लम्बे हाथ,
क्यों बे-चारा हो गए चारा खा कर नाथ।'