अन्ना के अभियान को शत-शत करें प्रणाम,
रहे न भ्रष्टाचार का कहीं देश में नाम,
कहीं देश में नाम न हो रिश्वतखोरों का,
कारागारों में घर हो सारे चोरों का,
चलो, करें संकल्प आज सब मिल कर इतना,
सहें न भ्रष्टाचार कष्ट हो चाहे जितना।
-हेमन्त 'स्नेही'
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1 comment:
बहुत सुन्दर संकल्प| धन्यवाद|
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